जिओ कैप्शूल: 5 मिनट में पढ़ें 29 सितंबर की सभी बड़ी खबरें
मुंबई में रेलवे स्टेशन पर भगदड़, 22 की मौत
मुंबई के
एलफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की एक बड़ी घटना सामने आई है। रेलवे के जनसंपर्क
अधिकारी अनिल सक्सेना ने बताया कि इस घटना में 22 लोग मारे गए हैं, जबकि 27 घायल हैं। भगदड़ की यह घटना रेलवे स्टेशन
के उत्तरी फुटओवर ब्रिज पर हुई। घायलों को केईएम हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अनिल सक्सेना का कहना है कि अचानक बारिश आने से लोग
फुटओवर ब्रिज पर जमा हो गए और जब बारिश रुकी तो आगे निकलने की अफरा-तफरी में भगदड़
शुरू हो गई। यह ओवर ब्रिज सेंट्रल लाइन के परेल स्टेशन और वेस्टर्न लाइन के एलफिंस्टन
रेलवे स्टेशन को जोड़ता है। रेल मंत्री ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा
की है।
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सरकार पर मनुष्य वध का FIR होना चाहिए: शिवसेना
सत्तारूढ़
बीजेपी की सहयोगी शिवसेना ने एलिफिंस्टन रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज पर हुई भगदड़ को
'नरसंहार' बताया। शिवसेना के सांसद संजय राउत
ने कहा, 'यह नरसंहार
है, जिसके लिए सरकार
और रेलवे जिम्मेदार हैं। हमारे पास समय है और फिर मांग करते हैं कि पुराने और
जीर्ण-शीर्ण ओवरब्रिज का फिर से विकास किया जाना चाहिए, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।'
उन्होंने कहा कि सरकार के ऊपर
मनुष्य वध की एफआईआर दाखिल होना चाहिए और रेलवे मंत्रालय पर मुकदमा चलना चाहिए।
जबकि विपक्षी दलों ने इस हादसे के लिए केंद्र और महाराष्ट्र की सरकार को आड़े
हाथों लिया। विपक्षी पार्टियों ने कहा कि पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन
परियोजना पर काम करने के बजाए केंद्र को यात्रियों की सुरक्षा और स्टेशनों पर
सुविधाओं में सुधार पर ध्यान देना चाहिए।
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इंसेफेलाइटिस से 40 सालों से हो रही मौतें, अभी हल्ला क्यों: योगी
उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बीते महीने गोरखपुर में बच्चों की मौत के बाद
बीजेपी सरकार की आलोचना करने वालों पर निशाना साधा है। न्यूज एजेंसी एएनआई के
अनुसार शुक्रवार को उन्होंने कहा, 'इंसेफेलाइटिस
से बच्चों की मौतें तो बीते 40
साल से हो रही हैं, लेकिन
अभी इतना हल्ला क्यों मचाया गया?' इसके
साथ उन्होंने गोरखपुर के बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज में बच्चों की मौत के लिए
ऑक्सीजन की कमी को वजह मानने इंकार किया। अगस्त में यहां कथित तौर पर ऑक्सीजन
सप्लाई बाधित होने से कुछ घंटों के भीतर 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई थी। अपनी सरकार की उपलब्धियों
के सवाल पर मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि किसी सरकार के लिए छह महीने का समय
काफी नहीं होता, लेकिन
सरकार का मार्ग और सोच स्पष्ट है। ___________________________________
जिन्होंने लोकसभा की शक्ल नहीं देखी, वह मुझ पर हमला कर रहे हैं: जेटली पर यशवंत
वित्त
मंत्री अरुण जेटली पर पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के हमले ने धीरे-धीरे निजी लड़ाई
का रूप अख्तियार कर लिया है। दोनों के बीच चल रही जुबानी जंग थम नहीं रही है। एक
किताब के विमोचन के अवसर पर जेटली ने कहा कि इस किताब का नाम अगर JOB
APPLICANT@80' होता तो ज्यादा
उपयुक्त होता। जाहिर है कि उनका सीधा इशारा पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा की ओर
था। अरुण जेटली ने इशारों ही इशारों में यशवंत सिन्हा पर हमला कर दिया। इस पर
पूर्व वित्तमंत्री सिन्हा ने जवाब देते हुए कहा, अगर मैं नौकरी मांग रहा होता तो अरुण जेटली
आज वहां नहीं होते जहां इस वक्त हैं। उन्होंने कहा कि मैं रिटायरमेंट के बाद
राजनीति में नहीं आया था। बल्कि मैंने तो आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में शामिल
हुआ था। ऐसे में अब अस्सी की उम्र में मुझे नौकरी की जरूरत नहीं।
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नैचुरल गैस का दाम बढ़ा, सीएनजी और पीएनजी हो सकती है महंगी
सरकार ने
अक्टूबर-मार्च के लिए नैचुरल गैस के दाम में बढ़ोतरी कर दी है। नई कीमत 2.89 डॉलर प्रति एमबीटीयू होगी, जोकि अप्रैल सितंबर के बीच 2.84 डॉलर प्रति एमबीटीयू थी। 3 साल में यह पहला मौका है जब सरकार
ने नैचुरल गैस के दाम में वृद्धि की है। अक्टूबर 2014 में तय किया गया था कि देश में उत्पादित
नैचुरल गैस की कीमत हर छह महीने पर रिवाइज की जाएगी और ऐसा करते वक्त
अमेरिका/मेक्सिको, कनाडा
और रूस जैसे गैस सरप्लस देशों में चल रहे रेट्स का इस्तेमाल किया जाता है। नैचुरल
गैस का सीधा संबंध सीएनजी और पीएनजी से जुड़ा हुआ है। ऐसे में नैचुरल गैस के दाम
बढ़ने से सीएनजी और पीएनजी के दामों में भी वृद्धि हो सकती है।
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लड़कियों के शराब पीने, कपड़ों पर कोई पाबंदी नहीं: BHU प्रॉक्टर
बनारस
हिंदू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में लड़कियों को अब मनमाफिक कपड़े पहनने की आजादी होगी,
लड़कियों के शराब पीने पर
यूनिवर्सिटी की तरफ से कोई पाबंदी नहीं होगी, हॉस्टल के मेस में अब नॉन वेज खाने को लेकर
कोई मनाही नहीं होगी। यह सब हुआ है नए चीफ प्रॉक्टर रोयाना सिंह के आदेश से।
बीएचयू के 101 साल के
इतिहास में पहली बार कोई महिला इस पद पर बहाल की गई हैं। आते ही उन्होंने सबसे
पहले लड़कियों को छूट देने वाले फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। नए प्रॉक्टर रोयाना
के मुताबिक सभी लड़कियों की उम्र 18 साल से ज्यादा है, तो ऐसे में हम उन पर ड्रिंक न करने की रोक क्यों लगाएं? उन्होंने बताया कि सुरक्षा और
अनुशासन उनकी प्राथमिकता होगी। इसके लिए कैंपस में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे।
लाइट की उचित व्यवस्था की जाएगी। छात्रों के एक-एक उचित मांग को पूरा किया जाएगा।